पल्हव(पर्थियन) वंश

पल्हव का अर्थ पर्थियन होता है पल्हव शक वंश के आस पास उदित हुए थे।
पल्लव वंश का संस्थापक वोनोनीज था। पर्थिया के शक्तिशाली शासक मिथ्रदात की मृत्यु के पश्चात वोनोनीज ने कंधार में अपना राज्य स्थापित किया । कंधार में अपना राज्य स्थापित करने के कुछ समय पश्चात उसने काबुल घाटी और सिंधु के आसपास के प्रदेशों को विजित कर लिया।
वोनोनीज के पश्चात उसका भाई स्पलिरिष गद्दी पर बैठा उसके शासन की कोई विशेष घटना नहीं है। इसके पश्चात गोंडोफरनीज(यूनानी नाम) गद्दी पर बैठा जिसे गदफर भी कहा जाता है।
गोंडोफरनीज:-
गोंडोफरनीज एक शक्तिशाली शासक था उसने अपनी विजयो के द्वारा पश्चिमी पंजाब के क्षेत्र तक अपना राज्य स्थापित कर लिया था यह उसके लेख से प्रमाणित होता है जो तख्तेे वाही नामक स्थान से प्राप्त हुआ है। गोंडोफरनीज ने तक्षशिला शाखा के शक शासक अय द्वितीय की शक्ति को समाप्त करके उसके राज्य पर अधिकार स्थापित कर लिया जो पश्चिमी पंजाब तक विस्तृत था।
गोंडोफरनीज के शासन में ईसाई धर्म प्रचारक संत थॉमस आया था।
पल्हव शासकों ने अपने नाम के सिक्के चलाए थे इन सिक्कों पर प्राकृत भाषा में ध्रमिय (धार्मिक) लिखा हुआ था जो उपाधि सूचक शब्द था इससे पता चलता है कि पल्हव शासक बौद्ध धर्मावलंबी थे।